अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश (Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh)
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अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश (Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh)

अंतरजातीय विवाह योजना को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी ने ₹25,000 प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया। इस योजना के तहत नवविवाहित दंपति को अंतरजातीय विवाह करने पर धनराशि प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार हमेशा से अंतर जाति विवाह को बढ़ावा देना चाहती है। पिछले कुछ वर्षों में इसकी मांग में वृद्धि देखी जा रही है और इसलिए ये पहल की गई है। वीरभद्र सिंह जी ने इस योजना की महत्वपूर्णता पर विशेष ध्यान दिया है और यह धनराशि को बढ़ाया है। इस आर्टिकल में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया पूरा पठन करें।

Contents

अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश क्या है? ( What is the Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh?) 

हिमाचल प्रदेश ने अंतरजातीय विवाह योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत, यदि कोई ऊंची जाति के व्यक्ति एसटी/एससी समुदाय की किसी भी लड़की या लड़के से विवाह करता है, तो उसे राज्य सरकार द्वारा 75,000 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह योजना राज्य सरकार की ओर से जाति प्रारम्भिकता को समाप्त करने के इरादे से लागू की गई है। इसके साथ ही, राज्य की जनता को अंतरजातीय विवाह योजना के लिए प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। 

साथ ही, उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट कर दिया है कि यह उनका विचार है कि अच्छे कामों के लिए सहायता राशि अधिक होनी चाहिए। इसलिए, वहने ने सहायता राशि को 75,000 रुपए में बढ़ा दिया है। इस योजना के बाद, नवविवाहित जोड़े को सहायता राशि के रूप में 75,000 रुपए दिए जाएंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य के सभी धर्मों के लोगों को मिलकर एक हों और इस प्रमुख उद्देश्य के कारण हिमाचल सरकार अंतरजातीय विवाह योजना को समर्थन दे रही है।

अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश का संक्षिप्त विवरण (Overview of Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh) 

योजना का नाम

अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश

किसके द्वारा शुरू की गई

राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा

किस राज्य में शुरू की गई

हिमाचल प्रदेश

प्रोत्साहन राशि

75,000 

योजना के लिए पात्रता

इंटर कास्ट मैरिज करने वाली नवविवाहित दंपति

योजना के लाभार्थी

अंतरजातीय विवाह करने वाले बालक बालिका

योजना का उद्देश्य

जातिवाद को खत्म करना और अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा देना।

ऑफिसियल वेबसाइट

http://esomsa.hp.gov.in/?q=notifications-rules

यह भी पढ़ें ->   अंतर्जातीय विवाह योजना उत्तराखंड: ऑनलाइन आवेदन, फॉर्म डाउनलोड, लाभ व पात्रता

अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश के फायदे और विशेषता ( Benefits of Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh) 

अंतरजातीय विवाह योजना के द्वारा प्रदेशवासियों को कैसे लाभ प्राप्त होगा और सरकार द्वारा दंपति की कैसे सहायता की जाएगी, उसके लिए नीचे पढ़ें:

  • राज्य सरकार इस योजना द्वारा जाति प्रथा को समाप्त करना चाहती है।
  • नवविवाहित जोड़े को राज्य सरकार द्वारा ₹75000 दिए जाएंगे।
  • राज्य सरकार योजना द्वारा इंटरकास्ट विवाह को बढ़ावा देना चाहती है।

अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश  की पात्रता (Eligibility for Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh)

सरकार द्वारा अंतरजातीय विवाह योजना के लिए कुछ मानकों की निर्धारण की गई है जिसके बारे में नीचे दिए गए हैं। यदि आपके पास निम्नलिखित योग्यताएं हैं तो ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं:

  • योजना के लाभार्थी का निवास हिमाचल प्रदेश में होना चाहिए।
  • अंतरजातीय विवाह योजना के लाभ पाने वाला युवक या युवती एक जाति से संबंध रखता हो और दूसरा नीची जाति से संबंध रखता हो।
  • योजना के तहत नवविवाहित जोड़े को 75000 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश के लिए आवश्यक दस्तावेज (Required Documents for Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh)

इस योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए आपके पास आवश्यक प्रमाण पत्र होना आवश्यक हैं:

  • आधार कार्ड होना अनिवार्य है योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए।
  • नवविवाहित जोड़े के पास हिमाचल प्रदेश का स्थायी पत्र होना अनिवार्य है।
  • उम्मीदवार के पास हिमाचल प्रदेश का बोनाफाइड प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
  • योग्य उम्मीदवारों के पास विवाह प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
  • विवाहित जोड़े के पास जाति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
  • आवेदक के पास बैंक खाता होना आवश्यक है।
  • नवविवाहित जोड़े के पास वाणिज्यिक आकार की फोटो होनी चाहिए।

अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश का आवेदन कैसे करें (How to apply for Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh)

अंतरजातीय विवाह योजना के लिए हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। लाभ प्राप्त करने के लिए, आपको यहां क्लिक करना होगा।

  • योजना फॉर्म प्राप्त करने के लिए, हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना को डाउनलोड करें।
  • उसके बाद, डाउनलोड की गई जानकारी पढ़ें और फॉर्म भरें।
  • फिर, सबमिट बटन पर क्लिक करें।
  • हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना 2023 के लिए ऑफलाइन आवेदन करें।

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अंतरजातीय विवाह योजना के लिए अभी तक कोई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। हालांकि, आप इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना के फॉर्म को भरकर उसे ज़िला कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। इसके साथ ही, आपको अपने ज़रूरी दस्तावेज़ों को भी अटैच करना होगा और उन्हें सबमिट करवा देना होगा। इस तरह, आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत पूछे जाने वाले प्रश्न ( Frequently Asked Questions (FAQs for Inter-Caste Marriage Scheme Himachal Pradesh)

क्या हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना है?

हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना उन लड़के-लड़कियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रोत्साहन देती है जो अंतरजातीय विवाह करने के लिए हिमाचल प्रदेश में हैं।

कौन ले सकता है हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ?

हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ वही नवविवाहित जोड़े ही ले सकते हैं जो अपने घर छोड़कर भागकर अंतरजातीय विवाह करने के पश्चात न तो अपना घर हैं और न ही आय स्रोत है।

यह भी पढ़ें ->   Inter Caste Marriage Scheme Maharashtra: Registration Online, Incentive Amount, Benefits & Eligibility/Documents

हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना के अंतर्गत कितनी सहायता राशि दी जाएगी?

हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना के अंतर्गत, सहायता राशि के रूप में 750,000 रुपये प्रदान की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा?

हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ लेने के लिए, अपनी आवेदन प्रक्रिया को पूरा करके आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना की शुरुआत किसने की है?

हिमाचल प्रदेश अंतरजातीय विवाह योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी द्वारा की गई है, जिसका प्रमुख उद्देश्य राज्य में जातिवाद को समाप्त करना है।

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