भारत एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन देश में किसानों की जिंदगी कोई बहुत बेहतर नहीं। उन्हें अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। अपने परिवार के लिए सम्मान के साथ जीने की कामना में उनका जीवन होम हो जाता है। कई बार किसी दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान खो बैठते हैं। ऐसे में उसका परिवार कठिनाई में आ जाता है। उनकी आजीविका का कोई साधन नहीं रह जाता। उनकी इस दिक्कत को समझते हुए उसे दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की घोषणा की है।
योजना का नाम | मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना |
घोषणा की तिथि | 21 जनवरी 2020 |
किसके द्वारा घोषित की गयी | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा |
योजना का उद्देश्य | राज्य के किसानो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना |
मृत्यु के दौरान मुआवजा | 5 लाख रूपये |
विकलांग में आर्थिक सहायता | 2 से 3 लाख रूपये |
योजना का उद्देश्य | राज्य के किसानो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना |
लाभार्थी | उत्तर प्रदेश के किसान |
पंजीकरण | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | http://esathi.up.gov.in/ |
21 जनवरी, 2020 को लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंज़ूरी दी गई थी। बता दें कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत उत्तर प्रदेश के किसी भी किसान की यदि दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई किसान दुर्घटना में 60% से ज्यादा विकलांग हो जाता है तो उसे इस योजना के तहत दो लाख रुपए का अधिकतम मुआवजा प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई है।
आवेदन करने के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें:-
https://esathi.up.gov.in/citizenservices/login/login.aspx
आवेदक के पास यह् दस्तावेज होना अनिवार्य है:-
• आवेदक किसान का आधारकार्ड
• आवेदक का निवास प्रमाण पत्र
• लाभार्थी की कृषि भूमि के दस्तावेज
• आवेदक का पैन कार्ड
• आवेदक का राशन कार्ड
• लाभार्थी का आयु प्रमाण पत्र
• आवेदक के बैंक खाते की पासबुक
• लाभार्थी का मोबाइल नंबर
• आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
• मृत्यु की स्थिति में किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट
• एक हाथ और पैर की क्षति होने पर – 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता
• दोनों हाथ या दोनों पैर अथवा दोनों आंखों की क्षति – 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता
• एक आंख या एक पैर की क्षति होने पर – 50 प्रतिशत
दुर्घटना में मौत होने या पूर्ण शारीरिक अक्षमता होने पर – 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता
• 50 प्रतिशत से अधिक लेकिन 100 प्रतिशत से कम स्थाई विकलांगता पर – 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता
• 25 % से अधिक है लेकिन 50 % से कम स्थाई विकलांगता पर – 25 प्रतिशत वित्तीय सहायता
• आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने अथवा करंट लगने से मौत या विकलांगता।
• सांप के काट लेने, किसी अन्य जीव-जंतु या जानवर के काटने, मारने या हमले में जान जाना अथवा विकलांगता।
• हत्या, आतंकवादी हमला, लूट, डकैती या मारपीट में जान चले जाना या विकलांगता।
• समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर या कुएं में डूबने से मौत।
रेल, सड़क या हवाई यात्रा के दौरान हादसे में मौत।
• आंधी-तूफान, पेड़ से गिरने, दबने या मकान गिरने, सीवर चैंबर में गिरने से मौत या विकलांगता
• लाभार्थी को उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना आवश्यक है।
• लाभार्थी की आय का मुख्य स्रोत खेती होना चाहिए।
• आवेदक किसान का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।
• लाभार्थी कृषक की उम्र 18 साल से लेकर 70 साल के बीच होनी चाहिए।
• लाभार्थी किसी ऐसी दुर्घटना का शिकार हुआ हो, जो योजना में कवर की गई हो।
प्रश्न-
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभार्थी कौन हो सकता है?
उत्तर-
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लाभार्थी उत्तर प्रदेश के किसान ही हो सकते हैं।
प्रश्न-
योजना के तहत क्या प्रावधान किया गया है?
उत्तर-
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसी दुर्घटना में किसान की मृत्यु पर पांच लाख रुपए और 60 प्रतिशत से अधिक विकलांगता की स्थिति में अधिकतम दो लाख रुपए तक की सहायता का प्रावधान किया गया है।
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